अपने आप को पहचानिए, motivational stories in hindi

दोस्तों यह बहुत ही दिलजसब सवाल है कि गरीब हम हैं या हमारी सोच है एक राज्य में दयालु और परोपकारी राजा शासन करता था वह हमेशा ही अपनी प्रजा के भले के बारे में सोचता था
राजा ने अपने जन्मदिन के दिन अपने आप से वादा किया कि आज वह उसे मिलने वाले हर इंसान को खुश करेगा और संतुष्ट भी करेगा राजा अपने सैनिकों के साथ बाहर घूमने निकला उसने रास्ते में मिलने वाले हर इंसान को सोना चांदी दिया जिसे पाकर लोग खुश और संतुष्ट हो गए
कुछ ही दूरी पर उसे भिकारी दिखाई दिया उस भिखारी को देख कर राजा के मन में दया के भाव आने लगे राजा ने उस भिखारी को अपने पास बुलाया और उसे एक सोने का सिक्का दिया सोने का सिक्का मिलते ही भिखारी बहुत ही खुश हुआ अचानक वह सिक्का भिखारी के हाथ से छूटकर नाली में गिर गया उस भिखारी ने तुरंत नाली में हाथ डाला और ढूंढने लगा
राजा को यह देखकर बहुत ही दुख हुआ यह भिखारी कितना गरीब है राजा ने उस भिखारी को वापस बुलाया और उसे एक और सोने का सिक्का दे दिया यह देखकर भिखारी बहुत खुश हुआ उसने सोने का सिक्का ले लिया और वापस जाकर फिर से नाली में हाथ डालकर खोया हुआ सोने का सिक्का ढूंढने लगा
राजा को यह देखकर बहुत ही आश्चर्य हुआ राजा ने फिर से उस भिखारी को बुलाया और उसे एक और सोने का सिक्का दे दिया भिखारी ने सोने का सिक्का लिया और फिर से नाली में खोया हुआ सिक्का ढूंढने लगा
अब राजा से रहा नहीं गया और उसने भिकारी को बुलाकर पूछा मैं तुम्हें इतनी सोने के सिक्के दे चुका हूं फिर भी तुम संतुष्ट नहीं हो मुझे बताओ तुम्हें संतुष्टि के लिए कितनी सोने के सिक्के चाहिए यह सुनकर भिखारी बोला महाराज मैं खुश और संतुष्ट तभी हो सकूंगा जब मुझे वह सिक्का मिलेगा जो नाली में गिर कर खो गया है
अगर आप इस बात को ध्यान से समझेंगे तो आप पाएंगे कि उस भिखारी के लिए राजा के दिए हुए सिक्कों की कोई अहमियत नहीं थी उसके लिए नाली में पड़ा हुआ सिक्का जरूरी था दोस्तो हम भी उसी भिकारी की तरह है वह राजा भगवान है और वह भिखारी हम सब है
हमें भगवान कितना भी दे दे हम संतुष्टि नहीं होते यह मेरी और आपकी बात नहीं है सभी लोगों का यही हाल है हमें पैसा चाहिए हमें घर चाहिए हमें गाड़ी चाहिए बात यहां पर ही खत्म नहीं होती इसके बाद हमें और ज्यादा पैसा चाहिए बड़ा घर चाहिए बड़ी गाड़ी चाहिए हमें अभी चाहिए वह चाहिए मतलब हमारी मांग कभी भी खत्म होने का नाम ही नहीं लेती
भगवान ने हमें यह अनमोल शरीर दिया है इस अनमोल शरीर को पा कर भी हम उस संसार रूपी नाली में गिरे हुए सोने के सिक्के को ढूंढ रहे हैं आपको इस शरीर के रूप में बहुत बड़ा धन मिला है इस धन को पहचाने और इस धन का इस्तेमाल दूसरों की मदद के लिए कीजिए भिखारी न बनिए